0 से 2,83,000 करोड़ रुपये तक का सफर, भारत के asian paint की पूरी कहानी। – complete details in hindi.

asian paint market leader

आज हम Asian Paint के बारे में जानेंगे। कि कैसे कंपनी की शुरुआत हुई? कंपनी ने क्या-क्या problem face करी? Asian Paint market leader कैसे बना? 

इस post में बहुत कुछ जानने को मिलेगा, अंत तक देखना।

Asian paint आज भारत की नंबर 1 पेंट कंपनी हैं। इसका व्यापार भारत के साथ साथ 17 देशो में फैला हुआ हैं।

60 से ज्यादा देशो में ये अपनी services दे रहे हैं। पिछले साल इनका Net Profit 4000 करोड़ रुपये से ऊपर था।

ये एशिया में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी कंपनी हैं। आज इस कंपनी का Market Capital 2,93,610 करोड़ रुपये हैं।

कंपनी की शुरुआत कैसे हुई?

सन 1942 एक ऐसा समय था जब देश में भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था।

और साथ ही पूरे विश्व में दूसरा विश्वयुद्ध छिड़ा हुआ था।

उस समय अंग्रेज़ो ने बाहर से आने वाले सभी paint पर रोक लगा दी थी।

जिसके कारण भारत में paint की डिमांड बढ्ने लगी और दूसरी कंपनीया पूरी supply नहीं दे पा रही थी।

तब चम्पक लाल चोकसी जी ने अपने 3 दोस्तो के साथ मिलकर Asian Paint की शुरुआत की।

जब Asian paint की शुरुआत हुई, तब इनके पास दो option थे।

या तो business को B2B Industrial Paint segment में ले जाये या B2C Decorative Paint में ले जाये।

B2B में एक कंपनी अपना सारा माल दूसरी कंपनी को बेचती हैं।

जबकि B2C में एक कंपनी अपना सारा माल सीधे ग्राहक को बेचती हैं।

तो चम्पक लाल जी और उनके दोस्तो ने B2C DECORATIVE PAINT का option चुना।

इनहोने माल बेचने की शुरुआत गाँव से करी। इनहोने अपने paint को plastic pouch में बंद किया और चारो दोस्त, लोगो को घर-घर जा कर paint बेचने लगे।(Asian Paint market leader कैसे बना)

लोगो को paint अच्छा लगा और इसकी डिमांड आने लगी। अब इन्हे शहर से भी ऑर्डर आने लगे।

और अगले 10 साल में इस कंपनी ने गाँव के साथ-साथ शहरो में भी अपनी पकड़ बना ली।

1952 में इस कंपनी का Turnover 23 करोड़ रुपये था। जो उस समय की एक बहुत बड़ी सफलता थी।

फिर इन्होने अपना Business expand किया। Expand करने के लिए इन्होने सबसे पहले market study किया।

मार्केट को study करने पर इन्हे पता चला। कि मार्केट में दो तरह के paint आ रहे हैं। एक Dry Distemper और दूसरा Plastic Emulsion.

Dry Distemper सस्ता था लेकिन quality अच्छी नहीं थी। और दूसरा plastic paint अच्छा था, लेकिन ज्यादा महंगा था।

तो इन्हे एक Gap नज़र आया। उस gap को भरने के लिए, इन्होने अपना नया product, Washable Distemper launch किया।

जो dry distemper से थोड़ा महंगा था और plastic paint से सस्ता था। लेकिन इसकी quality, plastic paint जैसी थी।

इनका ये formula काम कर गया। और ये product Super Hit हो गया। अब इनकी डिमांड पूरे देश से आने लगी।

और 1967 में Asian paint, Market Leader बन कर उभरा।

तब से लेकर आजतक Asian paint भारत में paint industry का Market Leader  हैं।

आज Industry से लेकर Home Decor तक, Asian paint के पास सभी variety के हजारो कलर में paint उपलब्ध हैं।

पूरी मार्केट का 59% हिस्सा Asian paint cover करता हैं। पिछले 60 सालो से record, 20% की रफ्तार से ये कंपनी बढी हैं।

आखिर वे क्या कारण हैं जिसकी वजह से कंपनी इतनी तेजी से बढी। (Asian Paint market leader कैसे बना)आइये अब वो जानते हैं।

पहला हैं Opportunity Grab करना:- 

Opportunity grab करने में कंपनी का अच्छा रेकॉर्ड रहा हैं।

1942 में भारत में जब paint की demand बड़ी तो इनहोने paint कंपनी शुरू की।

फिर brand built करने के लिए इन्हे B2C segment में opportunity दिखी, तो ये उसमे चले गए।

Market Gap ढूँढना :-

Market में already 2 product अच्छे से चल रहे थे, dry distemper और plastic emulsion।

इनके बीच के gap को ढूंढा और अपना washable distemper product launch किया। जिसने, इन्हे मार्केट लीडर बना दिया।

Risk Taker :-

पहले माल, कंपनी से storage firm खरीदता था।  फिर wholesaler, फिर distributor और फिर dealer के पास पहुंचता था।फिर डीलर से माल, ग्राहक तक पहुंचता था।

इस पूरी chain में company को product price का 60% हिस्सा मिलता था। और बाकी 40% हिस्सा इस पूरी distribution chain में चला जाता था।

माल, कंपनी से ग्राहक तक पहुँचाने की जो लंबी chain थी, उसे Asian paint ने Break किया। इन्होने अपना माल, direct dealer को बेचा। और ये risk उठाया।

(Asian Paint market leader कैसे बना)

Risk इसलिए था क्योंकि इससे इनकी cost बढ्ने वाली थी। जैसे गाड़ियो की संख्या बढ़ाने का खर्च, diesel, petrol का extra खर्च, समय पर माल ना पहुचने का रिस्क आदि।

फिर भी इनहोने ये risk लिया और उसी का इन्हे अच्छा reward मिला।

जहा पूरी distribution chain में company को माल का 60% हिस्सा मिलता था।

वही इन्हे 90% से ऊपर का मुनाफा मिला। और उस मुनाफे से सभी खर्चो को manage किया।

Big Distribution Network बनाना :-

कंपनी को तेजी से बढ़ाने के लिए और Market competition कम करने के लिए, Asian paint ने एक बढ़ा distribution network बनाया।

आज कंपनी के पास 70,000 से ऊपर Dealers का एक बड़ा network हैं। जो competitor company से 2 गुना हैं।

अपने distribution network को अच्छे से चलाने के लिए company अपने dealers को हर तरीके से facility, discount और customer support देती हैं।     

Accept New Technology :-

Asian paint भारत की अकेली ऐसी कंपनी हैं जिसने 1970 में ही super computer खरीद लिया था।

super computer की मदद से इन्होने data का बहुत ही अच्छे से इस्तेमाल किया।

आज कंपनी को पता हैं कि किस जगह, अपने किस dealer के पास किस कलर का paint देना हैं,

कौन से त्योहार में कौन से कलर का paint कितने किलो वाला डिब्बा बिकेगा, एकदम सही जानकारी मालूम हैं।

Marketing Strategy :-

Asian paint के product अच्छे होने के साथ-साथ इनकी marketing भी बहुत प्रभावी हैं।

जैसे शुभंकर गट्टू जो 1954 में R.K. लक्ष्मण द्वारा बनाया गया था, जो 40 सालो तक लोकप्रिय रहा।

इसी तरह “हर घर कुछ कहता हैं” जैसे जबर्दस्त tag line जिसने लोगो को Asian paint से connect किया।

ऐसे बेहतरीन idea कंपनी लाती रहती हैं।

मुझे उम्मीद हैं आपको ये आर्टिक्ल पसंद आया होगा। अब मिलते हैं Next एक Informative आर्टिक्ल के साथ।

तब तक के लिए take care & have a nice day.